राधे राधे,
बड़े दिलचस्प हैं हम, और बड़े बावले हैं
कन्हैया कहो जी, हम भी सांवले है
ये मस्ती है मेरी, ना कुछ और समझो
हैं नैना नशीले, पर नही जाम ले हैं
कन्हैया कहो जी हम भी "सांवले"हैं
मेरा नाम रोहित पाराशर है , और मैं अपनी रचनाएं रोहित श्याम नाम से लिखता हूं, मथुरा का रहने वाला हूं सो कृष्णा को सखा भाव मैं जीता, लिखता और गाता हूं , मेरा रुझान साहित्य लेखन और कविता की और कब गया शुरुआत मैं पता ही नही चला ,बस हसीं मजाक मस्ती मे गुनगुनाता रहता था पर
अब मैं जीने के लिए "कविता" और जीविका के लिए USA HEATHCARE मे जॉब करता हुं,