डर मौत को नहीं रोकता, बल्कि यह जीवन को जरूर रोकता है। हम या तो अपने अतीत से डरते हैं या अपने भविष्य के बारे में डरते हैं। इस कड़ी में सुभाषिनी मुरली बताती हैं कि कैसे दुख का भय दुख से भी अधिक दर्दनाक है और कैसे कुछ व्यावहारिक कदमों के पालन से डर को जो काल्पनिक है मगर सच प्रतीत होता है काबू कर सकते है। अमोदिनी - आपकी खुशी का रास्ता सुनते रहे और खुश रहें। अधिक प्रेरणादायक कहानियों और विचारों के लिए अमोदिनी से जुड़े रहे।