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दोस्तों नमस्कार, प्रणाम |

मेरी श्रंखला “छोटी सी बात” के दूसरे भाग में आपका स्वागत है |  आशा है आप सभी स्वस्थ, कुशल व प्रसन्न होंगे | 

प्रसन्नता पर याद आया कि ये प्रसन्नता या ख़ुशहाली आती कहाँ से हैं ? क्या हम प्रसन्नता खरीद सकते हैं फसलों की तरह उगा सकते हैं | अब आप सबकी राय इस विषय पर अलग-अलग होगी ऐसा मुझे मालूम है | किसी के पास अथाह पैसा है जिससे उसे लगता है कि वह पैसे के बल पर खुशियाँ खरीद सकता है | किसी के पास बाहूबल है, तो उसे भी लगता है कि वह भी खुशियाँ खरीद सकता है | पर इसका सही जवाब क्या है ?? तो चलिए अपनी कुछ “छोटी सी बात आपसे शेयर करता हूँ | जुड़े रहिये मेरे साथ और सुनिए मेरी "छोटी सी बात"