आज एक दोस्त से फोन पर बात कर रहा था. कहने लगा कि साल खत्म होने को है. घर की पार्टी नहीं दी तूने. कब मिल रहा है? पार्टी दे दे. अहसास हुआ कि कितनी जल्दी सब कुछ हो गया. वक्त गुजरने में वक्त नहीं लगता. यकायक ज़हन में पूरे साल की घटनाएं याद आने लगी. पर्सनल, प्रोफेशनल दोनों. अच्छी और बुरी दोनों. जिंदगी काफी तेज चल रही है.