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Description

काफी शिद्दत और मेहनत से पापा जी के लिए खरीदी हुई घड़ी चोरी हो जाने से शानू और गुड़िया, दुखी हैं पर इनका काम हाथ पर हाथ धर के बैठना नहीं है. ये अपना दिमाग चलाने लगते हैं. और समय को अपना हथियार बनाते है.  घड़ी वापस लेने के चक्कर में बुरी तरीके से फंस जाते है. एक वक्त तो ऐसा लगता है जैसे घडी भी हाथ से गयी शानू के और पिटाई अलग से हो गयी पर गुडिया और शानू की हिम्मत, दिलेरी और दूकान वाले चाचा का सही वक़्त पर पहुचने से घड़ी वापस मिलती है. घडी को चुराने वाला राघव है. घटना को तेरह साल गुजरने के बाद मिलिट्री अकेडमी में  राघव का कॉन्फेशन और सब का एक सक्सस्फुल करियर,  बचपन की एक गलती फिर समय की पहचान ने कैसे बिगड़ते मन को सही रास्ता दिखा दिया. ऐसे जैसे जिंदगी ने प्यार  से इनसब को एक सौगात भेट कर दिया.

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