अतीव आनंद सहित आप सभी के सन्मुख प्रस्तुत करते है डॉ. जया सिंह जी की मधुरतम भावपूर्ण वाणी में श्री रामकिंकरीय चिंतन की वचनामृत श्रंखला के दो और अनमोल मोती, जिनके विषय है "महाभारत के यक्ष प्रशन एवं मानव जीवन के रहस्य की समानता" एवं "सत्कर्म और उनका प्रदर्शन"
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