बच्चों को सीखना-सिखाना एक सूक्ष्म प्रक्रिया है जिसकी न्यूनतम समझ प्रत्येक माता-पिता एवं अभिभावक को अवश्य होनी चाहिए, किन्तु इसी समझ के अभाव में वे अपने बच्चों पर मेहनत तो बहुत करते हैं... फिर भी परिणाम अनुकूल नहीं आता। बच्चे जिद्दी, उद्दंड और बिगड़ैल हो जाते हैं या माता-पिता एवं अभिभावक का कहना नहीं मानते हैं। ऐसी नौबत न आने पाये, इसके लिए माता-पिता एवं अभिभावकों को जिन छोटी-छोटी बातों की मोटी-मोटी समझ रखनी चाहिए, उन्हीं सब बातों के इर्द-गिर्द 'बच्चों की श्रेष्ठतम परवरिश की प्रक्रिया' पर केन्द्रित एक सारगर्भित एवं उपयोगी वार्ता...!!