"मनुष्यता" राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त जी की एक प्रसिद्ध कविता है। अपनी कविता "मनुष्यता" के माध्यम से राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त जी ने एक मनुष्य को तभी मनुष्य मानने को तैयार दिखते हैं, जब मनुष्य में मनुष्यता का विशेष गुण हो...!
कवि के विचारों में मानव में यह मनुष्यता का विशेष गुण क्या है ? अपने सम्मानित श्रोताओं के लिए साभार प्रस्तुत है, राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त जी की रचित कविता "मनुष्यता" पर डॉ0 गिरीश त्रिपाठी की एक संछिप्त चर्चा सह कविता पाठ....!