एन0आई0एम0एच0ए0एन0एस0 के एक शोध के अनुसार भारत में लगभग तीन-चौथाई बच्चे मोबाइल का उपयोग करते हैं, इनमें से लगभग एक तिहाई बच्चे मनोरोग से पीड़ित हैं... लड़कियां साइबर बुलिंग का शिकार होकर अवसादग्रस्त हो रही हैं । देश मेँ 10 वर्ष से छोटी आयु के बच्चे भी सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं...एक शोध के अनुसार 13.4% युवा मोबाइल की लत मेँ इस कदर फंस चुके हैं कि उनके आपसी रिश्ते खतरे में है... वह आगे बढ़ने के अवसरों को भी खो चुके हैं... इस प्रकार स्मार्टफोन उनके जीवन में उत्कर्ष व प्रगति का माध्यम होने के बजाय उनके बिखराव और पतन का कारण बन रहा है.. इस प्रकार स्मार्टफोन का अतिरेक प्रयोग बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत ही नकारात्मक असर डाल रहा है...!
प्रस्तुत है, इन्ही सब विषयों के इर्द-गिर्द डॉ0 गिरीश त्रिपाठी का एक बहुत ही रोचक, सार्थक एवं उपयोगी वार्ता...!!