Listen

Description

जैसे ही हमारे जीवन में असहजता, तनाव चिंता प्रवेश करते हैं वैसे ही जीवन की स्वाभाविकता समाप्त हो जाती है, फिर जीवन पहले से अधिक असंवेदनशील हो जाता है और उसकी कोमलता, कठोरता में बदल जाती है और हम जीवन का असली आनंद खो बैठते हैं...आइए जाने, ऐसे में हमें क्या करना चाहिए?