सपनों का संसार चाहे कैसा भी हो, लेकिन यह तो स्पष्ट है कि सपनों से हमारा कोई न कोई गहरा नाता होता है, तभी तो हम इसकी दुनिया में प्रवेश करते हैं और थोड़े समय के लिए ही सही, इसे हम जी पाते हैं...! सपनों का यह संसार एक रहस्य का विषय है... अचरज का विषय है....खोज का विषय है…! प्रस्तुत है, सपनों की इसी रंग-बिरंगी दुनिया पर डॉ0 गिरीश त्रिपाठी की एक रोचक एवं शानदार वार्ता...!