Listen

Description

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो 

सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो 



किसी के वास्ते राहें कहां बदलती हैं 

तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो 



यहां किसी को कोई रास्ता नहीं देता 

मुझे गिरा के अगर तुम संभल सको तो चलो 



कहीं नहीं कोई सूरज धुआं धुआं है फ़ज़ा 

ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो 



यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें 

इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो