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IIT मद्रास के स्टूडेंट्स ने अपने स्टार्टअप प्रोजेक्ट  व्हील चेयर को कोमोबिलिटी स्कूटर का रूप दिया है. यानी इस व्हीलचेयर में सिर्फ एक अटैचमेंट लगा कर इसे स्कूटर में कन्वर्ट किया जा सकता है और इससे बाहर आया-जाया जा सकता है। ये प्रोजेक्ट लंगड़े लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वो लोग भी अपने काम को जल्दी और आसानी से पूरा कर सकेंगे.  मैं Tushali 

आईआईटी मद्रास के स्टूडेंट्स ने दिव्यांगों, विशेष कर पैरों से लाचार लोगों के लिए जबरदस्त इनोवेशन किया है. इस खास आविष्कार से उन्हें घर और बाहर आने-जाने में काफी सुविधा होगी. घर में सामान्य व्हील चेयर पर एक अटैचमेंट लगाते ही यह स्कूटर में तब्दील हो जाता है.

मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में चल रहे दिव्य कला मेला देश भर के दिव्यांग उद्यमी/कारीगर के उत्पादों और शिल्प कौशल को प्रदर्शित करने का एक अनूठा स्थान है. इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं जिससे दिव्यांगजनों के कौशल को आमजन तक पहुंचाना आसान हो जाता है. दिव्य कला मेला में वैसे तो बहुत से स्टॉल अपने प्रोडक्ट को प्रस्तुत कर रहे हैं, लेकिन एक स्टॉल काफी चर्चा में है. IIT मद्रास के स्टूडेंट्स ने अपने प्रोजेक्ट को स्टार्टअप में तब्दील कर यहां डिसप्ले किया है. इस स्टार्टअप में व्हील चेयर कोमोबिलिटी स्कूटर का रूप दिया है. यानी इस व्हीलचेयर में सिर्फ एक अटैचमेंट लगा कर इसे स्कूटर में कन्वर्ट किया जा सकता है और इससे बाहर आया-जाया जा सकता है.

इससे किसी पोलियो पेशंट या स्पाइनल कॉर्ड इंजर्ड व्यक्ति को यदि बाहर आना-जाना हो, तो वो बगैर किसी की सहायता के व्हीलचेयर को स्कूटर में कन्वर्ट कर के अपने जॉब, वर्कप्लेस या मार्केट कहीं भी आ-जा सकता है. खास बात है कि इंदौर कलेक्टर के द्वारा दिव्यांगों को मदद के रूप में यही स्कूटर दिया गया था. आने वाले समय में अन्य दिवयांगजन को भी इस तरह की मदद करेंगे। 

स्टार्टअप करने वाले एक सदस्य अविनाश ने बताया कि IIT मद्रास का ‘नियोमोशन’ नामक स्टार्टअप एक प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हुआ था. इसे वर्ष 2019 में व्यावसायीकृत किया गया है. भारत, नेपाल और बांग्लादेश में ऐसे लगभग 4,500 प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे व्हीलचेयर भारत में पहली बार डिज़ाइन की गई है. यह एक साधारण मैन्युअल व्हीलचेयर है, जिसे स्कूटर में कन्वर्ट किया जा सकता है.

यह व्हीलचेयर कार, ऑटो रिक्शा या संशोधित स्कूटरों की तुलना में व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं को आउटडोर गतिशीलता के सुविधाजनक, सुरक्षित और कम लागत वाले तरीके से सशक्त बनाता है. दिव्यांगों के लिए परिवहन का यह एक बड़ा संसाधन कहा जा सकता है.