भगवद गीता के अध्याय 18 के श्लोक 40 में भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि पृथ्वी, आकाश, या देवताओं में ऐसा कोई सत्त्व नहीं है जो प्रकृति के तीन गुणों (सत्त्व, रजस, और तमस) से मुक्त हो। यह श्लोक जीवन के सार्वभौमिक नियमों को समझने का एक अनमोल संदेश देता है, जो हर जीव के अस्तित्व में निहित है।
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