अहंकार और क्रोध का त्याग | श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18 श्लोक 53
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श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 18 के श्लोक 53 में भगवान श्रीकृष्ण समझाते हैं कि जो व्यक्ति अहंकार, बल, घमंड, इच्छा, क्रोध और आसक्ति का त्याग कर देता है, वह शांति और निर्मलता को प्राप्त करता है। ऐसा व्यक्ति 'ब्रह्मभूत' अर्थात् आध्यात्मिक चेतना की स्थिति में पहुंच जाता है, जो मोक्ष की ओर ले जाती है।
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