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आध्यात्मिक शांति की स्थिति | श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 18 श्लोक 54

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श्रीमद्भगवद्गीता के अध्याय 18 के श्लोक 54 में भगवान श्रीकृष्ण बताते हैं कि जो व्यक्ति 'ब्रह्मभूत' स्थिति को प्राप्त कर लेता है, उसकी आत्मा प्रसन्न और शांत हो जाती है। वह न किसी के प्रति द्वेष करता है, न ही किसी चीज़ की इच्छा रखता है। ऐसा व्यक्ति सभी प्राणियों में समानता देखता है और उसे परम भक्ति प्राप्त होती है। यह स्थिति आत्मा की पूर्णता और शाश्वत शांति की प्रतीक है।

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