अगर हम किसी कार्य में शामिल नहीं होना चाहते हैं तो हमें दोष निकालने का कोई अधिकार नहीं है. इस संसार में हम जो बदलाव देखना चाहते हैं, वह हमें स्वयं बनना चाहिए.
समाज की सेवा वह किराया है जो हम इस धरती पर जगह घेरने के लिए अदा करते हैं.
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