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दुनिया को फेसबुक देने वाले मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के स्टीव जॉब्स, माइक्रोसॉफ्ट के बिल गेट्स, विप्रो के अजीम प्रेमजी में कौन सी चीज कॉमन है?  इनकी कामयाबी की कहानियां दुनिया के टॉप बिजनेस स्कूलों में पढ़ाई जाती हैं। इन सब में एक बात कॉमन है कि इन सभी ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। इसी तरह क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, बॉक्सर मैरी कॉम, बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, सुष्मिता सेन और करिश्मा कपूर ने भी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। कुछ ने तो कॉलेज का मुंह भी नहीं देखा है ... मतलब, सिर्फ ऊंची डिग्री ही कामयाबी की गारंटी नहीं है । लेकिन, स्कूल-कॉलेज युवा पीढ़ी को सही मार्गदर्शन यानी Guidance जरूर देते हैं। भारत में शिक्षा क्रांति के पहले पार्ट में.. हमने जाना कि प्राचीन काल से लेकर आजादी तक देश में ज्ञान की धारा किस तरह आगे बढ़ी। प्राचीन भारत की गुरुकुल परंपरा में गुरु किस तरह छात्रों को व्यावहारिक चुनौतियों से जूझने की ट्रेनिंग देते थे । अंग्रेजों ने किस तरह भारत में अंग्रेजी शिक्षा के जरिए अपने लिए एक नया क्लास तैयार किया ? आज के हमारे एपिसोड में हम अनुराधा प्रसाद से जानेंगे कि आजादी के बाद स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई का मूल मकसद क्या था ? हमारी शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत क्यों है ? मौजूदा समय में केंद्र सरकार जिस शिक्षा नीति के सहारे भारत की तस्वीर बदलने का सपना देख रही है ... वो भारत को विश्व गुरु बनाएगी या दुनिया की फैक्ट्री ? नई शिक्षा नीति लोगों को नौकरी खोजने वाला बनाएगी या फिर नौकरी देने वाला ? क्या देश भर के कॉलेजों में दशकों से पढ़ाए जाने वाले History, Political Science, Geography, Philosophy जैसे कोर्स खत्म हो जाएंगे ? ऐसे सभी सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे हमारे  खास कार्यक्रम भारत में शिक्षा क्रांति पार्ट 2 में PODCAST24 AWAAZ SABKI पर। 

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