मै आपकी इच्छा को समझ सकू़ं मुझमें वे कला नहीं है मेरे प्रभु मै जब जीवन की कला को जाना तो इतना ही जाना पया। आप जो भी करते हैं, मेरे परमपिता परमेश्वर उसमें सब की भलाई होती है