इस संसार में जो भी घटित होता है, उसका अंत होना निश्चित है। कोई भी प्राणी, समय में वापिस जा कर अपनी भूल को सुधार नहीं सकता, किन्तु वर्तमान में एक नए आरंभ को सुनिश्चित कर, अपने अंत को सफल बना सकता है। क्यूँकि अंत ही, एक नया आरंभ है।
सुनिए “कहानी रावण की”
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