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Description

क्या क्या गुज़री थी मुझपे
जब तुमने मुझको ठुकराया था 
ऐसे ही दिन दिखलाने को 
बरसों दिल बहलाया था 
राख में ख़ाक हुआ था मैं 
जब खत तुमने मेरा जलाया था 
वह खत जो दिल था मेरा 
जिसमें हर लफ्ज मोहब्बत लिखा था मैने 
इश्क़ ही इश्क़ लिखा था मैने 
जो खूं से नाम लिखा था मैने 
जो नाम तुम्हारा लिखा था मैने 
आखिरी खत था वह मेरा 
जिसको तुमने जला दिया था 
फिर धुएं में उसको उड़ा दिया था 
....धुएं में उसको उड़ा दिया था....l