इश्क़ अधूरा मैं भी अधूरा
जीवन मेरा हुआ ना पूरा
उसने अपनी दुनिया बसाई
दुनिया समझा मैंने जिसको
भिगो गया वो बादल बनकर
छत समझा था मैंने जिसको