यह कोमल और चंचल मन मेरा, उससे दूर नहीं जाना चाहता, नजरों में
बसा कर रखना चाहता है..बाहों के दरमियाँ ना सही..वो करीब से
गुजर जाये.. बस. ऐसी अजनबी मुलाकातों में ही सही..। ना दर्द
हो..ना गम हो ना बोझ हो इस दिल पर कोई राहे मोहब्बत में
मुश्किलों के चलते.. गर हो छोड़ना.तो एक खूबसूरत सा मोड़ हो
कोई