सुनो...लौट आओगी क्या पुनः
मिलकर वही कहानी दोहराओगी क्या पुनः
वैसी ही हसीन शामों में प्यार के वैसे ही नगमें गुनगुनाओगी क्या पुनः
लहरा के आंचल वो मोहब्बतों वाले
फैलाके दामन वो शिद्दतों वाले
रातों में नींद से जगाओगी क्या पुनः
जानती हो...
ये आंखे तरसती हैं आज भी तुम्हारे ही इंतजार में
ये दिल ये पागल दिल मेरा
आज भी गुम है तुम्हारे ही प्यार में...