तू तो अंजान थी मेरे ईमान से
मेरे अरमाँ भी तब सब हैरान थे
मेरी बाहों में जब तू सिमटने लगी
हम खुद से बगावत करने लगे
जब जाना तुझे तू है मेरा खुदा
हम तेरी इबादत करने लगे
उस रात की तन्हाई में
चाहत की गहराई में
जब चढ़ने लगीं मस्तियाँ प्यार की
हम दोनों शरारत करने लगे
जब जाना तुझे तू है मेरा ख़ुदा
हम तेरी इबादत करने लगे