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Description

ना अता ना पता ना खबर बड़ी मुद्दत हुई 

ना हुई कोई मुलाक़ात ना ही मुहब्बत हुई 
बड़ी बड़ी बातेँ वादे इरादे शायद भूल गया है वो 
ऐसी कैसी मुहब्बत में उसकी शिद्दत हुई 
माना के वो थोड़ा मगरूर था हुस्न ए जवानी पे अपनी......
पर बंदिश ए दुनिया में रहेगा इतना बेदम नहीं था 
वो हुस्न ए यारा मेरा किसी कातिलाना शबाब से कम नहीं था.....
नशा इस कदर शामिल था उसकी अदाओं में 
कमबख्त किसी भी शराब से कम नहीं था 
जो लगा दे आग पानी में ...ऐसे किसी आफताब से भी कम नहीं था....
वो हुस्न ए यारा मेरा 
वो हुस्न ए यारा मेरा ....