दिसंबर के सर्द दिन हैं और सर्द शामें...दिन छोटे हैं और शाम का ठंडा धुंधलका छाते ही सन्नटा सा हो जाता है...बस इसी सर्द शाम के सन्नाटे का इंतजार कर रहे थे...सूफियान और मेहताब...और 16 दिसंबर को वो वक्त आ ही गया...कितनी खुश थी शीबा कि अपने दोनों भाईयों के साथ पिकनिक पर जा रही थी...गाजियाबाद का मुरादनगर गंगनहर इलाका हरियाली,कलकल बहता पानी एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट..लेकिन शीबा के सगे भाई सुफियान और ताउ के लड़के मेहताब ने कुछ और ही सोच रखा था उसके लिए...तीनों दिन भर गंगनहर के आसपास घूमते फिरते रहे...
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