भूदेवी का अवतार देवी सत्यभामा अंधकवंशी यादव राजा सत्रजित की पुत्री थीं। सत्रजित से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उनको बहुमूल्य स्यामन्तक मणि दी थी। उस मणि के खो जाने पर सत्रजित ने श्रीकृष्ण पर चोरी का आरोप लगाया।
श्रीकृष्ण ने इस आरोप से मुक्त होने के लिए स्यामन्तक मणि को खोज निकाला और महाबली जांबवान से वह मणि वापस लेकर सत्रजित को दे दी।
इस बात से प्रसन्न होकर सत्रजित ने अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह श्रीकृष्ण के कर दिया। देवी सत्यभामा से श्रीकृष्ण को दस पुत्र हुए।
नरकासुर से युद्ध के समय देवी सत्यभामा श्रीकृष्ण के साथ थीं और उन्होंने नरकासुर का वध कर उसका उद्धार किया।
Satyabhama
An incarnation of mother earth, Devi Satyabhama was the daughter of Satrajit, a Yadav king of Andhak clan. Satrajit was in possession of the divine Syamantak gem, which was gifted to him by the Sun. When the precious gem was lost, Satrajit accused Shrikrishna of stealing it.
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