योगी की आत्मकथा परमहंस योगानंद की आत्मकथा है जो पहली बार 1946 में प्रकाशित हुई थी। यह एक आध्यात्मिक खजाना है जो आपको जीवन का अर्थ समझाएगा। इसलिए यह पुस्तक उन लोगों के लिए एक वास्तविक खजाना है जो आध्यात्मिक खोज में हैं।
लेखक के बारे में - परमहंस योगानंद जन्मे न केवल भारतीयों के बीच प्रसिद्ध हैं बल्कि एक महान योगी के रूप में पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हैं। वह लाखों लोगों को मध्यस्थता और क्रिया योग अपनी मास के माध्यम से सिखाता है
Autobiography of Yogi