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देखिये प्रिया मखीजा की कहानी। जो रोहतक, हरियाणा में जन्मी और पिछले कई सालों से दिल्ली में ही रह रही है । इन्होने हमेशा जीवन में वक़्त को बहुत एहमियत दी है इनका मानना है कि हर नया दिन हमें एक नया अवसर हमे देता है। तो जब तक जी रहे है क्यों ना ज़िन्दगी के हर नए दिन अपनी मंज़िल को पाने की कोशिश करें । इन्होंने 10 साल तक एविएशन इंडस्ट्री में काम किया है और वर्तमान में गुरुग्राम में क्लाउड 9 अस्पताल में कार्यरत है। इन्होने अपनी ज़िन्दगी में आये हर मौके का स्वागत किया और हमेशा आगे बढ़ी। पिता की कही वो बात ये हमेशा ध्यान रखती है कि ज़िन्दगी में सोते नहीं रहना है, खूब मेहनत करनी है। इनका भी यही मानना है कि सोने से आपको मंज़िल कभी नहीं मिल सकती। अपनी मंज़िल, अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको मेहनत करनी होगी। और ये भी कभी मेहनत करने से पीछे नहीं रहती।  https://youtu.be/P8RlrNs8ouU

वर्कमोब द्वारा #मेरीकहानी कार्यक्रम के माध्यम से एक नयी पहल शुरू की गयी है जिसके ज़रिये हर कोई छोटे बड़े बिज़नेस ओनर्स अपनी प्रेरक कहानियों को यहाँ सभी के साथ साझा कर सकते है। क्योंकि हर शख्स की कहानी में है वो बात जो जीवन को बदलकर एक नयी दिशा दिखाएगी, और ज़िन्दगी में ले आएगी आशा की एक नयी चमकती किरण। #प्रेरककहानियाँ #एविएशन #मंज़िल #मुकाम #मौके #मेहनत #लक्ष्य #अस्पताल 

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