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Description

जब बालि मृत्यु शैय्या मे था तो उसने सुग्रीव को राजा बना दिया और अपने पुत्र व पत्नी तारा का ध्यान रखने की सुग्रीव से प्रार्थना की। रामचन्द्रजी ने सुग्रीव से कहा कि तुम राजा बनो और अंगद को युवराज बनाओ और वर्षा ऋतु समाप्त होने पर प्रसत्रवन पर्वत पर मुझसे आकर मिलों। आगे की कहानी सुने।