अभिमन्यु की शादी मे यह निश्चित किया गया कि राजा द्रुपद हस्तिनापुर अपना दूत भेजेंगे जो कि भीस्म, द्रोणाचार्य व विदुर से मिलने के बाद राजा धृतराष्ट्र से मिलेगा और उन्हे बताएगा कि आधा राज्य पांडवों को दे दिया जाय क्योंकि युधिष्ठिर अपनी गलती का बहुत सजा भुगत चुके हैं। उन्होंने शकुनि के साथ चौपर खेलकर गलती की थी। षदी के बाद द्रुपद के साथ सभी पांडव, अभिमन्यु व उत्तरा के साथ पांचाल पहुच गए। डरूपद ने अर्जुन को श्री कृष्ण से मदद मांगने द्वारका भेज दिया.