मद्र देश के राजा शल्य नकुल व सहदेव के मम लगते थे । जब उन्हे पता चला कि पांडव उपपलव मे हैं तो वे अपनी विराट सेना लेकर निकाल पड़े अपने भांजे पांडवों से मिलने । दुर्योधन के जासूसों ने उन्हे यह समाचार दिया। दुर्योधन ने सोचा कि शल्य राज कौरवों की तरफ से लड़े तो कितना अच्छा हो! इस हेतु दुर्योधन ने जहाँ जहाँ शल्य राज अपनी सेना के साथ विश्राम करने रुकते वहाँ बहुत सुंदर रुकने की और खाने की व्यवस्था की गई। जब काई बार ऐसा हो गया तो शल्य राज ने व्यवस्थापक से कहा कि आप युधिष्ठिर से बताएं कि हम उनकी व्यवस्था से बहुत खुश है तब उन्हे मालूम पड़ा कि व्यवस्था दुर्योधन ने कराई थी।