युद्ध बहुत बड़ी बात है। इसमे किसी का भला नहीं होता। यह तो विनाश का मंत्र है। पर फिर भी कभी कभी यह जरूरी हो जाता है। पांडवों के लिए भी युद्ध जरूरी हो गया क्योंकि दुर्योधन ने उन्हे सुई की नोक जितनी जमीन देने से भी इनकार कर दिया। फिर वे कहाँ रहते? दूसरों की महर्बानी पर जिंदगी भर तो नहीं रह सकते थे