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Description

जब अश्वतहम ने सुन कि दुर्योधन को कैसे पराजित किया गया, उसका मन दुख, रोष व नफरत से भर उठा। उसने दुर्योधन के पास जा कर प्रतिज्ञा की कि वह आज रात को सभी पांडवों और दृष्टीदुमन को मार देगा। और उसने नींद मे सोये पंचालों और द्रौपदी के पुत्रों को मार दिया।
पांडवों की जीत पराजय मे बदल गई। जब छोटे से अधर्म का सहारा लिया जाता है अपनी इच्छा पूर्ति के लिए, वह अधर्म धीरे धीरे विकराल रूप धारण कर लेता है। इसीलिए जरूरी है कि अन्याय का सहारा न लिया जाए।