Listen

Description

रश्मि रथी महाकाव्य मे आज उस अंश को सुनते हैं जिसमे कर्ण कृष्ण को बात रहे हैं कि क्यों वे दुर्योधन को न छोड़ पाएंगे। और कृष्ण उनकी बंधुता का साधुवाद करते हैं।
चौथे सर्ग मे कर्ण की दान वीरता का वर्णन हैं। दिनकर जी ने दान की बहुत सुंदर व्याख्या की है। जो समझने और सीखने योग्य है।
अर्जुन इन्द्र के पुत्र थे। कहीं वे कुरुक्षेत्र के युद्ध मे कर्ण द्वारा मारे न जाएं इसीलिए इन्द्र ब्राह्मण का वेश धारण कर कर्ण से उनका कवच व कुंडल मांग लेते हैं। वह कवच और कुंडल जिसके साथ कर्ण जन्मे थे.....