Listen

Description

आज कर्ण बहुत आतुर हैं भीषण युद्ध मचाने के लिए। वे शल्य से कहते हैं कि मुझे ऐसे जगह ले चलो जहाँ प्रचंड युद्ध छिड़ा हो। शल्य घोड़ों को तेज दौड़ते हैं और अर्जुन की रथ जो बहगवां कृष्ण चले रहे हैं, वहाँ रुक जाते हैं। रथ का पहिया रक्त के कीच मे फंस जाता है और शल्य उसे निकाल नहीं पते हैं तो कर्ण से अखते हैं कि बड़े आश्चर्य की बात है कि इतने थोड़े से कीचड़ मे रथ का पहिया इस कदर फंस गया है। आप इसे निकाले । कर्ण रथ से उतार कर पहिया को निकालने का प्रयास करते हैं। उनकी भुजाओं के ताकत से धार डॉल जाती है पर पहिया नहीं निकलता है। कर्ण को अपने मिले हुए श्राप याद आते हैं। भगवान कृष्ण अर्जुन को निहथे कर्ण का वध करने कहते हैं। आगे सुने....