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Description

डिप्रेशन | मोहम्मद अल्वी

कोई हादसा

कोई सानेहा* 

कोई बहुत ही बुरी ख़बर

अभी कहीं से आएगी!

ऐसी जाँ-लेवा फ़िक्रों में

सारा दिन डूबा रहता हूँ

रात को सोने से पहले

अपने-आप से कहता हूँ

भाई मिरे

दिन ख़ैर से गुज़रा

घर में सब आराम से हैं

कल की फ़िक्रें

कल के लिए उठा रक्खो

मुमकिन हो तो

अपने-आप को

मौत की नींद सुला रक्खो!!

*अप्रिय घटना