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धूप भी तो बारिश है | शहंशाह आलम 

धूप भी तो बारिश है

बारिश बहती है देह पर

धूप उतरती है नेह पर

मेरे संगीतज्ञ ने मुझे बताया

धूप है तो बारिश है

बारिश है तो धूप है

मैंने जिससे प्रेम किया

उसको बताया

तुम हो तो ताप और जल

दोनों है मेरे अंदर।