Listen

Description

हिटलर की चित्रकला | राजेश जोशी

यह उम्मीस सौ आठ में उन दिनों की बात है

जब हिटलर ने पेन्सिल से एक शांत गाँव का

चित्र बनाया था

यह सन्‌ उन्‍नीस सौ आठ में उन दिनों की बात है

जब दूसरी बार वियना की कला दीर्धा ने

चित्रकला के लिए अयोग्य ठहरा दिया था

हिटलर को

उस छोटे से चित्र पर हिटलर के हस्ताक्षर थे

इसलिए इंगलैण्ड के एक व्यवसायी ने जब

नीलाम किया उस चित्र को

जिसका आकार सिर्फ़ एक पोस्टकार्ड के बराबर था

और जो पेन्सिल से बनाया गया था

तो बिका वो पूरे सात हज़ार ब्रिटिश पौण्ड में।

क्या यह उस साधारण से चित्र की कीमत थी

क्या यह हिटलर के हस्ताक्षर की कीमत थी

जो किये गये थे उस चित्र के एक कोने पर

यह कीमत क्या उस बर्बर युद्ध ने पैदा की

जिसमें नहीं बचा कोई भी गाँव वैसा

जैसा उस चित्र में था

या जैसा रहा होगा कोई भी गाँव उस चित्र से पहले 

वियना की कला दीर्घा के फ़ैसले को

सही सिद्ध किया हिटलर ने

अपने सारे जीवन में