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कभी कभी जीवन में ऐसे भी क्षण आये | लक्ष्मीशंकर वाजपेयी

कभी कभी जीवन में ऐसे भी कुछ क्षण आये

कहना चाहा पर होठों से बोल नहीं फूटे।

महज़ औपचारिकता अक्सर होठों तक आयी

रहा अनकहा जो उसको, बस नज़र समझ पायी

कभी कभी तो मौन ढल गया जैसे शब्दों में

और शब्द कोशों वाले सब शब्द लगे झूठे

कहना चाहा पर होठों से शब्द नही फूटे।

जिनसे न था खून का नाता, रिश्तों का बंधन

कितना सारा प्यार दे गए कितना अपनापन

कभी कभी उन रिश्तों को कुछ नाम न दे पाए

जीवन भर जिनकी यादों के अक्स नहीं छूटे

कहना चाहा पर होठों से बोल नहीं फूटे।