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Description

कहाँ रहेगी वह संताप के साथ?/ गगन गिल 

अगर वह उसके सीने पर

रख दे अपना सिर

या उसके कंधे पर

अगर वह छुए उसका हाथ

अक्तूबर की झुरझुरी में 

थाम ले उसकी बाँह घबराकर 

स्टेशन की हड़बड़ी में 

लौटते हुए रख दे चुपचाप 

उसकी गर्म गर्दन पर 

अलविदा का एक अधूरा, रुआँसा चुम्बन 

तो 

उस लम्बी-चौड़ी देह में

क्या इतनी जगह होगी

जहाँ वह रह सके 

अपने सारे संताप के साथ?