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Description

खंडहर पर हरियाली - नंदकिशोर आचार्य 

यूँ ही आ गई थी तुम

खंडहर पर हरियाली आ जाए बरसात में जैसे

इसलिए लौट ही जाना था तुमको

और खंडहर करती हुई मुझे।