लगाव | रामदरश मिश्र
उसने कविता में लिखा 'फूल'
तुमने उसे काटकर 'कीचड़' लिख दिया
उसने कविता में लिखा 'चिड़िया'
तुमने उसे काटकर 'गुरिल्ला' लिख दिया
और आपस में जूझने लगे
दरअसल तुम दोनों का
न फूल से कोई लगाव-अलगाव था
न चिड़िया से
तुम दोनों को
अपने-अपने अस्तित्व की चिन्ता सताती रही
और
तुम्हारी बहसों से बेख़बर
मस्ती से फूल खिलता रहा
चिड़िया गाती रही।