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Description

मैं फूल । गोपालदास "नीरज"

निर्जन की नीरव डाली का मैं फूल !

कल अधरों में

मुस्कान लिए आया था,

मन में अगणित

अरमान लिए आया था,

पर आज झर गया

खिलने से पहले ही,

साथी हैं बस

तन से लिपटे दो शूल !

निर्जन की नीरव डाली का मैं फूल !