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मैंने प्रेम किया | अभिलाष प्रणव 

मैंने प्रेम किया,

और चाहा कि आज़ाद ही रहूँ,

याने मैंने खुद में और प्रेम में,

खुद को चुना,

सुविधा चुनी,

आजादी चुनी,

उसी वक़्त,

उसने प्रेम किया

और चाहा के उसे बाँध लिया जाए,

याने उसने खुद में और प्रेम में,

प्रेम को चुना,

मुझे चुना,

बंधन चुना,

अब, जबके हम साथ नहीं हैं,

मैं चाहता हूँ के वो बंध जाए,

वो आगे बढ़ गयी है,

और आजाद है.

वो चाहती है के मैं आजाद हो जाऊं,

और मैं वहीं हूँ,

बंधा हुआ