Listen

Description

मौत इक गीत रात गाती थी

ज़िन्दगी झूम झूम जाती थी

ज़िक्र था रंग-ओ-बू का और दिल में

तेरी तस्वीर उतरती जाती थी

वो तिरा ग़म हो या ग़म-ए-आफ़ाक़

शम्मअ  सी दिल में झिलमिलाती थी

ज़िन्दगी  को रह-ए-मोहब्बत में

मौत ख़ुद रौशनी दिखाती थी

जल्वा-गर हो रहा था कोई उधर

धूप इधर फीकी पड़ती जाती थी

ज़िन्दगी ख़ुद को राह-ए-हस्ती में

कारवाँ कारवाँ छुपाती थी

हमा-तन-गोशा ज़िन्दगी थी फ़िराक़ 

मौत धीमे सुरों में गाती थी


ज़िक्र: चर्चा
ग़म-ए-आफ़ाक़: क्षितिज / संसार का दुख
राह-ए-हस्ती: रास्ता
हस्ती: जिन्दगी की राह 
कारवाँ: क्राफ्रिला 
हमा-तन-गोश: पूरी जिस्म का कान बन जाना