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Description

नए दिन के साथ | केदारनाथ सिंह 

नए दिन के साथ

एक पन्ना खुल गया कोरा

हमारे प्यार का

सुबह,

इस पर कहीं अपना नाम तो लिख दो

बहुत से मनहूस पन्नों में

इसे भी कहीं रख दूंगा।

और जब-जब

हवा आकर

उड़ा जाएगी अचानक बन्द पन्नों को

कहीं भीतर

मोरपंखी की तरह रक्खे हुए उस नाम को

हर बार पढ़ लूगा।