पहले बच्चे के जन्म से पहले | नरेश सक्सेना
साँप के मुँह में दो ज़ुबानें होती हैं।
मेरे मुँह में कितनी हैं
अपने बच्चे को दुआ किस ज़ुबान से दूँगा
खून सनी उँगलियाँ
झर तो नहीं जाएँगी पतझर में
अपनी कौन-सी उँगली उसे पकड़ाऊँगा
सात रंग बदलता है गिरगिट
मैं कितने बदलता हूँ
किस रंग की रोशनी का पाठ उसे पढ़ाऊँगा
आओ मेरे बच्चे
मुझे पुनर्जन्म देते हुए
आओ मेरे मैल पर तेज़ाब की तरह!