Listen

Description

साथी | केदारनाथ अग्रवाल

झूठ नहीं सच होगा साथी।

गढ़ने को जो चाहे गढ़ ले

मढ़ने को जो चाहे मढ़ ले

शासन के सी रूप बदल ले

राम बना रावण सा चल ले

झूठ नहीं सच होगा साथी!

करने को जो चाहे कर ले

चलनी पर चढ़ सागर तर ले

चिउँटी पर चढ़ चाँद पकड़ ले

लड़ ले ऐटम बम से लड़ ले

झूठ नहीं सच होगा साथी!